उत्तराखंड: किच्छा कोतवाल के खिलाफ DGP को चिट्ठी, खोल दिया काला चिट्ठा

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देहरादून: उत्तराखंड में एक गुमनाम चिट्ठी चर्चा में है। सोशल मीडिया में वायरल हो रही इस चिट्ठी में ऊधमसिंह नगर जिले के किच्छा कोतवली के कर्मचारियों की ओर से लिखी बताई जा रही है। चिट्ठी में आखिरी पेज पर सबसे नीचे समस्म कर्मचारीगण किच्छा कोतवाली कोतवाली लिखा गया है।

कोतवाल पर कई गंभीर आरोप

इस लंबी-चौड़ी चिट्ठी में कोतवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि कोतवाल नियमों के विरुद्ध कर्मचारियों को उत्पीड़न कर रहा है। इंस्पेक्टर सुंदरम शर्मा को रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं रहा है। आज तक की सभी तैनातियों में उनका कहीं ना कहीं विवाद से नाता जुड़ा रहा है। अब ताजा विवाद और जुड़ गया है।

हालांकि, अभी चट्ठी की सत्यता का पता नहीं चल पाया है। यह भी साफ नहीं है कि DGP कार्यालय पहुंची है या नहीं। चिट्ठ पहुंचे या नहीं, मामला गंभीर है। इसका संज्ञान लेकर जांच कराई जाती है या नहीं। यह आने वाला वक्त ही बता पाएगा।

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ये रही पूरी चिट्ठी

सेवा में,

श्रीमान पुलिस महानिदेशक महोदय उत्तराखण्ड, देहरादून

विषय- थाना किच्छा प्रभारी निरीक्षक सुन्दरम शर्मा द्दारा अपने अधीनस्थों का उत्पीड़न, दुर्व्यवहार, अनैतिक कार्यों व प्रताड़ना की जांच करने विषयक |

महोदय,

कृपया सादर अवगत कराना है कि श्री सुन्दरम शर्मा विगत 08 माह से थाना किच्छा जनपद ऊधमसिह नगर में प्रभारी निरीक्षक के पद पर नियुक्त है। जब से श्री सुन्दरम शर्मा प्रभारी निरीक्षक के पद पर नियुक्त है तब से उनके द्वारा अनुशासन के नाम पर अपने अधीनस्थ नियुक्त पुलिस बल का उत्पीड़न किया जा रहा है। जिसका विवरण निम्न है। 1- अधीनस्थ पुलिस बल को टारगेट कर के उनकी छोटी छोटी गलती होने पर गैर हाजिरी अंकित की जाती है।

2- दैनिक व रात्री गणना के नाम पर सुबह 9:00 बजे व रात्री 21:00 बजे थाना पुलिस के समस्त अधिकारी और कर्म० गणों को एक-एक घंटा खड़ा किया जाता है। इनके द्वारा व इनके हितबद्ध कर्मचारियों के द्वारा गणना के दौरान निर्धारित वर्दी धारण नही की जाती है, जबकि अपने अन्य अधीनस्थों को अनुशासहीनता और उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजने का डर दिखाकर निर्धारित वर्दी में रहने की हिदायत देते है तथा कहते है कि मेरे द्वारा इन कर्मियों को वर्दी के लिए EXEMPTION दिया गया है जबकि यह इनके क्षेत्राधिकार में नहीं है। इसके अतिरिक्त अधिकांश समय ये स्वयं भी गणना में उपस्थित नहीं रहते हैं, और न ही इनके हितबद्ध कर्म० गणना में उपस्थित रहते हैं। इसकी पुष्टि हेतु थाना हाज़ा के CCTV कैमरों का व गणना के दौरान खिचे गये फोटोग्राफ का अवलोकन अपेक्षित है इनके द्वारा गणना के समय सभी अधिकारी कर्मचारियों के सामने ही किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को अनावश्यक काम का दबाव बनाकर जलील बनाया जाता है।

3- गणना मे एक महिला अपर उप-निरीक्षक के द्वारा यातायात डियूटी के दौरान पड़ रही भीषण गर्मी से ड्यूटी में होने वाली समस्या को प्रभारी निरीक्षक के समक्ष कहा गया तो इनके द्वारा उक्त अपर उप-निरीक्षक को बहुत ही निर्लज्जता से कहा गया कि “धूप में तु मर नहीं जाएगी और मर भी गयी तो तेरा पंचायतना पोस्टमार्टम करवा देंगे पुलिस रोज ही ये काम करती है तेरे मरने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है” इस पर उक्त अपर उप-निरीक्षक द्वारा कहा गया कि आपको भले ही फर्क नहीं पड़े लेकिन मेरे परिवार को पड़ता है। प्रभारी निरीक्षक द्वारा फटकार कर चुप करवा दिया गया। इसके अलावा इनके द्वारा एक महिला उप निरीक्षक को MP चौक पर जनता के लोगो के समक्ष सार्वजनिक तौर पर कठोर अमानवीय शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा गया कि मैं तेरी ऐसी तैसी कर दूंगा” प्रभारी निरीक्षक के पद पर रहते हुए इनके द्वारा अधिकांश अपने अधिनस्थो से इस तरह के अमानवीय शब्दों का प्रयोग व व्यवहार सार्वजनिक तौर पर किया जाता है। अन्य कई कर्मचारी भी इस तरह के व्यवहार से पीडीत हैं, परन्तु जनपद में किसी भी स्तर पर न्याय न मिलने की उम्मीद से अपनी समस्या को जाहिर नहीं कर रहे हैं। 4- उच्चाधिकारियों के आदेश निर्देशों के पालन किये जाने के नाम पर इनके द्वारा अधिकारी और कर्मगणों को सस्पेंड करने की धमकी दी जाती है। प्रभारी निरीक्षक के पद पर रहते हुए स्वय इनके द्वारा आदेश निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है, जनपद में सप्ताह में एक दिन जोनल चेकिंग हेतु आदेश निर्गत किये गये हैं परन्तु इनके द्वारा अपने अधिनस्थो को जोनल चेकिंग हेतु आदेशित किया जाता है और स्वय चेकिंग नहीं की जाती है, केवल GD में अपनी रवानगी की जाती है। जोकि उच्चाधिकारियों के आदेश निर्देशों का खुले तौर पर उल्लघन है।

5- थाना स्तर पर नियुक्त कुछ महिला कर्म० गणों पर इनके द्दारा विशेष छूट दी जाती है, जैसे गणना के दौरान किसी भी कर्म० गण को अनुपस्थित होने की छूट नही दी जाती है परन्तु अपने हितबद्ध कर्म) गणों को इनके द्वारा कुछ नहीं कहा जाता है चाहे वह किसी भी प्रकार के कपड़े पहन कर थाने पर उपस्थित हो।

6- थाना किच्छा के CCTNS कार्यालय में नियुक्त एक महिला कर्मी से प्रभारी निरीक्षक से प्रेम प्रसंग की चर्चा भी आम है, जिस कारण उक्त महिला कर्मी को गणना में आने व सादा वस्त्रो में डियूटी करने, तथा रात्रि डियूटी नहीं करने की छुट प्रदान की गयी है। इनके इन अनैतिक कार्य के कारण अन्य महिला कर्मी भी थाने में कार्य करने में असहज महसूस करती है और इनके डर के कारण किसी के समक्ष अपनी समस्या नहीं बता पा रही हैं।

1- अधीनस्थ पुलिस बल को टारगेट कर के उनकी छोटी छोटी गलती होने पर गैर हाजिरी अंकित की जाती है।

2- दैनिक व रात्री गणना के नाम पर सुबह 9:00 बजे व रात्री 21:00 बजे थाना पुलिस के समस्त अधिकारी और कर्म० गणों को एक-एक घंटा खड़ा किया जाता है। इनके द्दारा व इनके हितबद्ध कर्मचारियों के द्वारा गणना के दौरान निर्धारित वर्दी धारण नही की जाती है, जबकि अपने अन्य अधीनस्थों को अनुशासहीनता और उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजने का डर दिखाकर निर्धारित वर्दी में रहने की हिदायत देते है तथा कहते है कि मेरे द्वारा इन कर्मियों को वर्दी के लिए EXEMPTION दिया गया है जबकि यह इनके क्षेत्राधिकार में नहीं है। इसके अतिरिक्त अधिकांश समय ये स्वयं भी गणना में उपस्थित नहीं रहते हैं, और न ही इनके हितबद्ध कर्म० गणना में उपस्थित रहते हैं। इसकी पुष्टि हेतु थाना हाज़ा के CCTV केमरों का व गणना के दौरान खिचे गये फोटोग्राफ का अवलोकन अपेक्षित है इनके द्वारा गणना के समय सभी अधिकारी कर्मचारियों के सामने ही किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को अनावश्यक काम का दबाव बनाकर जलील बनाया जाता है।

3- गणना मे एक महिला अपर उप-निरीक्षक के द्वारा यातायात डियूटी के दौरान पड़ रही भीषण गर्मी से ड्यूटी में होने वाली समस्या को प्रभारी निरीक्षक के समक्ष कहा गया तो इनके द्वारा उक्त अपर उप-निरीक्षक को बहुत ही निर्लज्जता से कहा गया कि “धूप में तु मर नहीं जाएगी और मर भी गयी तो तेरा पंचायतना पोस्टमार्टम करवा देंगे पुलिस रोज ही ये काम करती है तेरे मरने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है” इस पर उक्त अपर उप-निरीक्षक द्वारा कहा गया कि आपको भले ही फर्क नहीं पड़े लेकिन मेरे परिवार को पड़ता है। प्रभारी निरीक्षक द्वारा फटकार कर चुप करवा दिया गया। इसके अलावा इनके द्वारा एक महिला उप निरीक्षक को MP चौक पर जनता के लोगो के समक्ष सार्वजनिक तौर पर कठोर अमानवीय शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा गया कि मैं तेरी ऐसी तैसी कर दूंगा” प्रभारी निरीक्षक के पद पर रहते हुए इनके द्वारा अधिकांश अपने अधिनस्थो से इस तरह के अमानवीय शब्दों का प्रयोग व व्यवहार सार्वजनिक तौर पर किया जाता है। अन्य कई कर्मचारी भी इस तरह के व्यवहार से पीडीत हैं, परन्तु जनपद में किसी भी स्तर पर न्याय न मिलने की उम्मीद से अपनी समस्या को जाहिर नहीं कर रहे हैं। 4- उच्चाधिकारियों के आदेश निर्देशों के पालन किये जाने के नाम पर इनके द्वारा अधिकारी और कर्मगणों को सस्पेंड करने की धमकी दी जाती है। प्रभारी निरीक्षक के पद पर रहते हुए स्वय इनके द्वारा आदेश निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है, जनपद में सप्ताह में एक दिन जोनल चेकिंग हेतु आदेश निर्गत किये गये हैं परन्तु इनके द्वारा अपने अधिनस्थो को जोनल चेकिंग हेतु आदेशित किया जाता है और स्वय चेकिंग नहीं की जाती है, केवल GD में अपनी रवानगी की जाती है। जोकि उच्चाधिकारियों के आदेश निर्देशों का खुले तौर पर उल्लघन है।

5- थाना स्तर पर नियुक्त कुछ महिला कर्म० गणों पर इनके द्वारा विशेष छूट दी जाती है, जैसे गणना के दौरान किसी भी कर्म० गण को अनुपस्थित होने की छूट नही दी जाती है परन्तु अपने हितबद्ध कर्म० गणों को इनके द्दारा कुछ नही कहा जाता है चाहे वह किसी भी प्रकार के कपड़े पहन कर थाने पर उपस्थित हो।

6- थाना किच्छा के CCTNS कार्यालय में नियुक्त एक महिला कर्मी से प्रभारी निरीक्षक से प्रेम प्रसंग की चर्चा भी आम है, जिस कारण उक्त महिला कर्मी को गणना में आने व सादा वस्त्रो में डियूटी करने, तथा रात्रि डियूटी नहीं करने की छुट प्रदान की गयी है। इनके इन अनैतिक कार्य के कारण अन्य महिला कर्मी भी थाने में कार्य करने में असहज महसूस करती है और इनके डर के कारण किसी के समक्ष अपनी समस्या नहीं बता पा रही हैं।

7- इनके द्वारा अपने विवेचनात्मक कार्य स्वय नहीं कर घाना हाज़ा में नियुक्त एक अपर उप निरीक्षक व एक आरक्षी व एक महिला आरक्षी को cd किता करने की जिम्मेदारी दी गयी है, इनके द्वारा ही इनकी CD किता की जा रही है तथा इसके अतिरिक्त खनन माफियाओं, शराब के सरकारी ठेकेदारों को थाने में बुलाकर अनावश्यक दबाव बनाकर उनसे अवैध वसूली की जा रही है, एवं अवैध वसूली करने के लिए एक आरक्षी को कार खास नियुक्त किया गया है जो की थाना क्षेत्र में चल रहे अवैध कार्यों से वसूली का काम करता है। थाने में इन कर्मियों से कोई अन्य दैनिक कार्य नहीं करवाए जाते है। केवल GD में ही आमद रवानगी कराई जाती है।

8- एक उप निरीक्षक द्वारा वर्तमान में चल रहे IFMS एप्लीकेशन के माध्यम से 03 दिवस की छुट्टी के लिए आवेदन किया था परन्तु उच्चाधिकारियों द्वारा छुट्टी को आवेदन करने की तिथि से देरी से की गयी थी जिस कारण उक्त उप निरीक्षक छुट्टी होने के बाद 03 दिवस की छुट्टी काट कर जब वापस आया तो इनके द्वारा उक्त उ0नि0 की गैर हाजिरी केवल एक दिन की छुट्टी काटने के पश्चात ही लिख दी गयी थी कारण पूछने पर इनके द्वारा बताया गया कि आपने जिस दिन से छुट्टी का आवेदन किया था छुट्टी उसी दिन से मानी जाएगी जबकि छुट्टी को देरी से करने में उक्त उप निरीक्षक की कोई गलती नहीं था वह gd में अपना रवाना करवा कर निर्धारित 03 दिवस की CL काटकर समय से वापस आ गया था ।

9- उक्त उप निरीक्षक को व्यक्तिगत तौर पर लड़ाई समझ कर दिनांक 13.06.2024 को कैंची धाम ड्यूटी हेतु थाना भवाली जिला नैनीताल भेजा गया था जो बाद ड्यूटी समाप्ति के दिनांक 16.06.2024 को समय से वापस आने के बाद भी गैर हाजिरी अंकित कर दी गयी जबकि अन्य ड्यूटी में गए कर्मचारियों की वापसी कर दी गयी। अपनी व्यक्तिगत खंदक के चलते उक्त उ0नि0 की गैर हाजिरी अंकित की गयी। जिस कारण उक्त उ0नि0 की मानसिक रूप से परेशान है। इसके अतिरिक्त उक्त महिला उप निरीक्षक के अतिरिक्त एक अन्य महिला उप निरीक्षक पर उनके द्वारा मुकदमो की cd थाने में नियुक्त अपने उप निरीक्षक पति से कटवाए जाने के आरोप लगाकर उच्च अधिकारियों से की गयी जिस कारण उक्त महिला उप निरीक्षक भी मानसिक रूप से परेशान है। जबकि प्रभारी निरीक्षक द्वारा स्वय अपनी cd किता किये जाने के लिए तीन कर्मी नियुक्त किये गये हैं।

10- थाना में नियुक्त जिन महिला कर्मचारियों के बच्चे साथ में है उन्हें इनके द्वारा रात्रि ड्यूटी का दबाव बनाया जाता है। एक महिला उप निरीक्षक द्वारा सुबह 9 बजे से रात्री 9 बजे तक दिवासाधिकारी ड्यूटी करने व विवेचाओ का ओ. आर देने के पश्चात् भी उक्त महिला उप निरीक्षक को रात्रि में चेकिंग ड्यूटी के लिए फ़ोन किया गया किसी कारणवश उक्त महिला उ.नि. का फ़ोन बंद आया तो इनके द्वारा उसकी गैर हाजिरी लिख दी गयी जिस कारण उक्त महिला उ.नि. भी मानसिक रूप से परेशान है तथा बीमार होकर मेडिकल पर चली गयी थी।

11- इनके द्वारा डियूटी के नाम पर बेवजह उच्चाधिकारियों का डर दिखाकर अकारण ही जीडी में गैर हाजिरी अंकित की जाती है तथा वापसी करने के लिए स्वयं वापसी नहीं कर क्षेत्राधिकारी सितारगंज व पुलिस अधीक्षक नगर रुद्रपुर के पास भेज दिया जाता है जब कि जनपद में इस तरह का कोई आदेश उच्च अधिकारियों द्वारा नहीं किया गया है, और धमकाया जाता है कि पहाड़ ट्रासंफर करने हेतु उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दूंगा तथा छोटी छोटी बातो पर संस्पेंड करवाने की धमकी भी दी जाती है। इनके द्वारा उच्चाधिकारियों को अपने अधिनस्थो के सम्बन्ध में झूठी, मनगढंत व बड़ा चढ़ाकर बाते बताकर अधीनस्थो के सम्बन्ध में गुमराह किया जाता है। जिससे उस अधिकारी व कर्मचारी के प्रति उच्च अधिकारियो में सही छवि नहीं बने और उनको नुकसान हो। यदि इनको किसी समस्या के लिए किसी कर्मचारी द्वारा फ़ोन किया जाता है तो इनके द्वारा अपना पल्ला झाडकर यह कहते हुए फोन काट दिया जाता है की तू सीओ साहब से बात कर ले तेरा मुझसे कोई मतलब नहीं है

12- पूर्व में जिन-जिन जनपदों के थानों में यह थाना प्रभारी के पद पर रहे है उन थानों में नियुक्त अधिकारियों व कर्मचारियों का भी इनके द्वारा शोषण किया गया, जिस कारण इनके व्यवहार व कृत्यों के सम्बन्ध में की गयी शिकायतों की कई जांचे भी लंबित चल रही हैं। इनके इस तरह के अमानवीय व्यवहार के शिकार जनता के लोग भी हुए हैं जिस सम्बन्ध में जनपद में जाँचे लंबित चल रही है। इनके द्वारा खुले तौर पर अधिकारियों व कर्मचारियों को गाली गौलाच व मुक़दमा लिख देने की धमकी भी दी जाती है।

3- इनके द्वारा थाने में कंडम हुए आवास को सही करवाकर एक आवास रह रहे में तीन उप-निरीक्षक गण का गलत रिपोर्ट जकर HRA कटवा दिया गया। जब की एक आवास के लिए एक ही कर्मी का नियमानुसार HRA काटा जा सकता है। परन्तु क ही आवास के एक-एक कमरे में रह रहे तीन उप-निरीक्षक का HRA काटा जा रहा है।

4- निर्धारित 12-12 घंटे की ड्यूटी पूर्ण करने के पश्चात भी उच्चाधिकारियों का डर दिखाकर व गैर हाजरी अंकित किये जाने रिपोर्ट भेज दिए जाने का डर दिखाकर अकारण ही थाने पर बुलाया जाता है। थाने पर नियुक्त कर्म० गण जो सरकारी आवास र रह रहें है व अन्य जो आउट पास लेकर किराये पर निवास कर रहे है, उन्हें अनावश्यक रुप से नियम कानून हवाला देकर वाब बनाने के दृष्टि से परेशान किया जाता है। इनके द्दारा कर्म) गणों को मानसिक रुप इस तरह से परेशान किया जाता है जिस कारण सभी अधीनस्त पुलिस बल मानसिक तनाव से ग्रसित है।
[3:08 pm, 04/08/2024] Pradeep Rawat (पहाड़ समाचार): 15. इनके दारा पाना किया नियुक्त एक महिला आधी को विशेष हैहिला आधी राग निगमों को ताक पर रावकर मनमाने ढंग से कार्य किया जाता है तथा है।

16- पुलिस मुख्यालय से मेनुवल अवकाश स्वीकृत नहीं किये जाने के पूर्व में ही आदेश पारित किये जा चुके हैं। इसके बावजू भी प्रभारी निरीक्षक द्वारा पहले मेनुवल अवकाश लिख कर लाने को कहा जाता है और उसके पश्चात मनमाने ढंग से अवकाश प्रार्थना पत्र को अपने सुविधा अनुसार अवकाश अवधि बता कर लिख कर लाने व कधी अवकाश नहीं लिखने को कहा जाता है, तत्पश्चात अवकाश प्रार्थना पत्र को स्वीकृत कर ऑनलाइन आवेदन किये जाने को कहा जाता है। केवल मनमाने ढंग से अपने पसंदीदा कर्मचारी को ही मन राजकीय अवकाश के अवकाश स्वीकृत किया जाता है तथा अन्य कर्मचारी की छुट्टी बिना राजकीय अवकाश के मनमाने ढंग से की जाती है तथा छुट्टी से वापसी अपने पंसदीदा कर्मी की ने टेलीफोन की आती है लेकिन अन्य कर्मी की 5 मिनट देरी से आने पर भी अनावश्यक गैर हाजिरी लिखी जाती है।

17- VIP ड्यूटी व अन्य बाहर ड्यूटी गए हुए प्रोर्स को अनावश्यक रूप से तत्काल वापस आने का दबाव बनया जाता है तथा यदि कर्मचारी की ड्यूटी दिन भर है तो तुरंत ही वापस आने का दबाव बनाया जाता है तथा थोड़ी देर से आने की दशा में गैर हाजिरी अंकित की जाती है। कर्मचारी को तत्काल वापस आने के दबाव बनाने के कारण कीं जत्तबाजी में वापस आने का प्रयास करते हैं जिससे सड़क दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।

18- किच्छा थाने में नियुक्त लगभग सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के सम्बन्ध में अनावश्यक ही उच्चाधिकारियों को गलत रिपोर्ट दी जाती है।

19. प्रभारी निरीक्षक स्वय अपने निजी कार्यों, राजनैतिक मित्रो व खनन व्यवसायियों की पार्टियों में अधिकतर रात्रि के समय थाना क्षेत्र व धाने के क्षेत्र से बाहर सम्मिलित होने चले जाते हैं परन्तु कर्मचारियों को उनके पारिवारिक समारोहों में अनुशासन व उच्च अधिकारियो के आदेशों की अवहेलना बताकर नहीं भेजा जाता है। इनके द्वारा अपना कोई भी काम नहीं करते हुए केवल अपने सरकारी आवास पर रह कर whatsapp के माध्यम से ही अधिनस्थो से अपना सम्पूर्ण कार्य करवाया जाता है तथा थाने में समस्त कार्य करवाने के लिए AC रूम में बैठकर आदेश-निर्देश दिए जाते है तथा थाने में कोई भी गंभीर घटना होने पर भी स्वय घटनास्थल पर नहीं जाकर थाने में नियुक्त उपनिरीक्षक को ही मोके पर भेजकर ओपचारिकता मात्र की जाती है। कुछ समय पूर्व पति द्वारा दराती से अपनी पत्नी की निर्मम हत्या कर दी गयी थी। उक्त घटना को 24 घंटे से अधिक हो जाने पर भी प्रभारी निरिक्षक द्वारा पटना स्थल पर जाना भी उचित नहीं समझा। इसके अतिरिक्त एक महिला की हत्या की गयी थी, जिसमे अपने अधीनस्थ महिला उप निरीक्षक से पंचायतनामा की कार्यवाही करवा दी गयी लेकिन स्वय घटना स्थल पर नहीं गये, जब पीड़ित के परिजन के द्वारा इसकी शिकायत उच्च अधिकारीयो से की गयी तो उच्च अधिकारीयों के कहने पर का इनके द्वारा मवायना किया गया।

20- महोदय उक्त प्रभारी निरीक्षक सुन्दरम शर्मा की कार्यशैली व व्यवहार से थाना किच्छा में नियुक्त पुलिस बल का मनोबल बहुत गिर चुका है और पुलिस बल इनकी निरंकुश कार्यशैली से आक्रोशित है, और मानसिक तनाव से ग्रसित है। थाना पुलिस द्वारा हर परिस्थिति में अनुशासन बनाए रखा है। प्रभारी निरीक्षक जैसे जिम्मेदारी के पद पर रहते हुए इनके उक्त कृत्य व व्यवहार पुलिस विभाग जैसे अनुशासित बल के लिए उचित नहीं है। इनके उक्त कुल्य व व्यवहार से थाना पुलिस बल का कोई भी अधिकारी व कर्मचारी मानसिक दबाव के चलते कोई भी गलत कदम उठा सकता है। इस सम्बन्ध में थाना किच्छा में नियुक्त समस्त पुलिस बल से पूछताछ की जानी भी आवश्यक है इनके द्वारा गलत तौर तरीके अपनाकर अनुशासन हीनता की कार्यवाही किये जाने के डर से कोई पुलिस कर्मी इनके विरुद्ध खुले तौर पर अपनी बात नहीं कह पा रहा है।

महोदय, प्रभारी निरीक्षक किच्छा द्वारा पुलिस बल पर किये जाने वाले दुर्व्यवहार, अनैतिक कार्यों व प्रताड़ना तथा इनकी कार्यशैली की गोपनीय जाचं के अतिरिक्त एक विस्तृत जांच भारतीय पुलिस सेवा के किसी उच्च अधिकारी से कराई जानी आवश्यक है। अतः महोदय से विनम्र निवेदन है कि उक्त प्रकरण पर तत्काल संज्ञान लेकर जांच कराये जाने की कृपा करे। जिससे पुलिस बल का मनोबल बना रहे।

दिनांक-10/07/2024

प्रतिलिपि-

1- श्रीमान पुलिस उप महानिरीक्षक कुमांयू परिक्षेत्र नैनीताल ।

2- श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधम सिह नगर ।

प्रार्थी गण

       समस्त कोतवाली किच्छा पुलिस

जनपद- उधम सिंह नगर

उत्तराखंड

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