छिन्नमूल संस्करण की आखिरी 50 प्रतियां शेष

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दुर्गा पूजा समारोह में छिन्नमूल के स्टॉल लगाने का न्योता शक्तिफार्म, स्वर्गफार्म, जगदीशपुर, कालीनगर और दिनेशपुर से आ चुका है। पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा […]

 छिन्नमूल पुस्तक पर पाठकीय नज़र

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छिन्नमूल: बंगाली विस्थापितों का दर्द समेटे प्रमाणिक दस्तावेज    भाई रूपेश कुमार सिंह जी एक संवेदनशील अनुभवी पत्रकार हैं। देश के हिंदी भाषी विभिन्न राष्ट्रीय […]

इंडिया बनाम भारत

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इंडिया बनाम भारत! देश की आजादी के 75 साल बाद इस विषय पर व्यापक बहस हो रही है, इसे क्या माना जाए? क्या यह उतना […]

छिन्नमूल के लिए विधायक बेहड़ ने किया सम्मानित

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“पश्चिम पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर आये सिख/पंजाबी समाज व बंगाली समाज की तकलीफों की तुलना नहीं की जा सकती। दोनों के विस्थापन […]

बुत बने समाज में मूर्तियों की कद्र कहां ?

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-रूपेशकुमारसिंह गधे की तरह जिन्दगी ढोते, घोड़े की तरह मोहरा लगाकर भेड़चाल में विलीन बुत होते समाज में मूर्तियों की कद्र किसे होगी? जहां रंग […]

अब कोई किताबें नहीं चुराता

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तस्लीमा नसरीन ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है कि उनके पास पहले जो किताबें थीं,वे अक्सर चुरा ली जाती थीं। अलमारी को तालाबंद रखना […]

विषमता के देश में कैसा गणतंत्र?

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गणतंत्र किसे कहते हैं? संविधान निर्माताओं की भाषा में हम भारत के लोगों ने संविधान बनाते हुए गणतंत्र को ही क्यों चुना? गणतंत्र में राजसत्ता […]