क्या अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस बनेंगे बांग्लादेश के प्रधानमंत्री?

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बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के लिए मुख्य सलाहकार नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद युनूस को मनोनीत किया है छात्रों ने।बांग्लादेश में ग्रामीण बैंकिंग और मोबाइल फोन नेटवर्क बनाने के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला।हसीना ने उनके खिलाफ मुकदमे चलाए। उनको ही अंतरिम सरकार का प्रधानमंत्री बनाने की मांग जोर पकड़ती जा रही। उनपर गबन का आरोप है।

स्थिति अभी उतनी नाजुक नहीं

इस बीच भारत के विदेशमंत्री जय शंकर प्रसाद ने कहा है कि बांग्लादेश में स्थिति अभी उतनी नाजुक नही है कि वहां से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला जाए। उन्होंने सांसदों से कहा है कि शेख हसीना अभी सदमे की हालत में हैं। उन्हें संभलने के लिए तीन चार दिनों का वक्त दिया गया है। वे क्या करना चाहती हैं, उनका फैसला जानने के बाद भारत सरकार तय करेगी कि क्या करना है। बांग्लादेश की स्थिति पर सरकार कड़ी नजर रख रही है।

फौज के कब्जे में सत्ता होती है या नहीं

जाहिर है कि अंतरिम सरकार कैसी बनती है या फौज के कब्जे में सत्ता होती है या नहीं, इसे देखकर ही भारत सरकार कोई कदम उठाएगी। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के मद्देनजर उनकी सुरक्षा के लिए फिलहाल भारत सरकार कोई कदम नहीं उठाने जा रही है।

नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस जिम्मा सौंपा

बांग्लादेश में शेख हसीना द्वारा प्रधानमंत्री पद और देश छोड़ने के बाद नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस को नई सरकार के गठन का जिम्मा सौंपा गया है। कथित तौर पर शेख हसीना की आंख के रोड़े रहे मुहम्मद यूनुस कौन हैं और उनका इतिहास क्या रहा है?

फिलहाल सेना प्रमुख के हाथ में कमान

देश की कमान फिलहाल सेना प्रमुख के हाथ में है. जल्द ही नई सरकार बनाए जाने की कवायद शुरू हो चुकी है, जिसका सूत्रधार मुहम्मद यूनुस नाम की एक शख्सियत को बनाया गया है। इन्हीं के हाथ में है कि किसे किस गद्दी पर बैठाया जाए, और क्या जिम्मेदारी सौंपी जाए। परंतु, इस पूरे घटनाक्रम मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश का प्रधानमंत्री बनाए जाने की मांग भी उठ रही है। इसलिए ये हैं कौन? इनका इतिहास क्या है? इन सब चीजों के बारे में जान लेना जरूरी है।

20 लाख डॉलर के गबन का आरोप

मोटी-मोटी बात ऐसी है कि मोहम्मद यूनुस को जहां दुनिया का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार मिल चुका है, वहीं दूसरी तरफ उन पर 20 लाख डॉलर के गबन का भी आरोप है। बांग्लादेश में जो हिंसा और तोड़फोड़ हुई, उसे भी जायज ठहरा चुके हैं, लेकिन इनकी हर बात में लोकतंत्र की दुहाइयां होती हैं।

कानूनी कार्यवाही रोकने का अनुरोध किया था

2023 में 170 से अधिक वैश्विक नेताओं और नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने बांग्लादेश की तब प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना से यूनुस के खिलाफ कानूनी कार्यवाही रोकने का अनुरोध किया था। उनके समर्थकों का कहना था कि प्रधानमंत्री हसीना के साथ उनके खराब संबंधों के चलते निशाना बनाया जा रहा है। हसीना सरकार ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया था।

क्या-क्या उपलब्धियां है मुहम्मद यूनुस के नाम?

28 जून 1940 को जन्मे मोहम्मद यूनुस एक सोशल वर्कर, एक बैंकर और इकॉनमिस्ट हैं।उन्होंने बांग्लादेश के ही चटगांव यूनिवर्सिटी में इकॉनोमिक्स की पढ़ाई की। बाद में यूनुस ने वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में ही पीएचडी की पढ़ाई की. देश में उन्होंने छोटे लोन (माइक्रो क्रेडिट) देने के माध्यम से एक प्रोग्राम शुरू किया था। बाद में उन्होंने बांग्लादेश में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी।गांवों के लोगों की पहुंच बैंकों को पहुंचाने और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के उनके मसकद को दुनिया ने सलाम किया और 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा युनूस को यूनाइटेड स्टेट्स प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया जा चुका है।

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