चुपचाप छीनी जा रही नागरिकता
पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में आधार कार्ड निष्क्रिय कर देने का नोटिस मिल रहा है लोगों को। इस नोटिस में लिखा गया है कि आपके भारत में रहने की वैधता समाप्त हो गई है। सोशल मीडिया पर यह नोटिस वायरल है।
आधार प्राधिकरण के कोलकाता और रांची स्थित कार्यालयों में ऐसा नोटिस मिलने वाले लोग पहुंच रहे हैं,लेकिन उन्हें प्राधिकरण से कोई संतोषजनक उत्तर नही मिल रहा है। इसे लेकर राजनीतिक सरगर्मी बहुत तेज है।
आरोप है कि हिंदुओं,सिखों, बौद्धों और गैर मुसलमानों को नागरिकता देने का कानून का लागू करने का वायदा कर रहे हैं भाजपा के मंत्री और नेता,तो दूसरी तरफ चुपके चुपके लोगों की नागरिकता छीनी जा रही है।
इसके जवाब में कहा जा रहा है कि kaa लागू करने से पहले उसे रोकने के मकसद से साजिश बतौर फर्जी नोटिस वायरल करके भय का माहौल बनाया जा रहा है। नोटिस किन लोगों को मिल रहा है,किस समुदाय के लोगों को,इसका अभी खुलासा नहीं हुआ है।
इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है क्योंकि न केंद्र सरकार और न आधार प्राधिकरण ने स्थिति स्पष्ट की है।
बड़ी संख्या में लोगों की शिकायत के बावजूद आधार प्राधिकरण न नोटिस को वैध बता रहा है और न अवैध। निष्क्रिय आधार को कैसे वैध किया जाए,इस सवाल पर भी चुप्पी है।
एक अंदाजा लगाया गया कि आधार प्राधिकरण ने दस साल पुराने आधार कार्ड को अपडेट करने को कहा था तो जिन्होंने अपडेट नहीं कराया, उनका आधार रद्द किया जा रहा है। लेकिन नोटिस में भारत में निवास की वैधता खत्म होने की बात की गई है, अपडेट न करने का कोई उल्लेख नहीं है। इस बारे में हालांकि आधार प्राधिकरण ने जरूर स्पष्ट किया है कि पता,फोन नंबर बदलने की स्थिति में अपडेट करना चाहिए।लेकिन आधार अपडेट करने की कोई बाध्यता नहीं है।
इसका क्या मतलब है?
प्राधिकरण की चुप्पी से समझा जा रहा है कि नोटिस उसने ही भेजे हैं।जिनके आधार निष्क्रिय हो रहे हैं, उनके आधार सक्रिय करने का उपाय इसलिए प्राधिकरण नहीं बता रहा है क्योंकि उनकी नागरिकता वैध नहीं है।
अगर यह सही है तो उस समुदाय के लोगों के लिए दिक्कत होगी,जिनके लिए नए कानून में नागरिकता देने का प्रावधान नहीं है?