नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। वे अपने बनाये नियम के तहत अगले वर्ष 17 सितम्बर को रिटायर्ड हो रहे हैं। नरेन्द्र मोदी अपने लिए नहीं, बल्कि अमित शाह के लिए वोट मांग रहे हैं। जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे ही नहीं तो उनकी गारंटी का क्या होगा? कौन करेगा उनकी गारंटी पूरी। मोदी तानाशाह हैं और वे देश की जनता से झूठ बोल रहे हैं। यह मैं नहीं कह करा हूं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल इसबात के लिए लिखकर देने को तैयार हैं कि नरेन्द्र मोदी 2024 में प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।
केजरीवाल का तर्क साधारण नहीं है। सिर्फ चुनावी जुमला भी नहीं लगता। उनकी बात को हल्के में लेना ठीक नहीं होगा। आखिर 75 पार का फर्मूला खुद नरेन्द्र मोदी ने ही इजात किया था। इसके तहत लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, यसवंत सिन्हा जैसे नेताओं को बहुत पहले किनारे लगा चुके हैं नरेन्द्र मोदी तो अब उनपर क्यों नहीं वही रूल काम करेगा?
जो सोचा था, वही हुआ। होना लाजिमी भी था। जिस तेज तर्रार, आक्रामक काउंटर की उम्मीद अरविन्द केजरीवाल से की जा रही थी, उससे भी ज्यादा तर्कपूर्ण और असरदार शब्दों से उन्होंने नरेन्द्र मोदी को ललकारा है। 51 दिनों से अरविन्द केजरीवाल जेल में भरे बैठे थे भाजपा और मोदी के खिलाफ। उन्होंने धुंआधार अंदाज में अपना चुनावी कैम्पेन शुरू कर दिया है। 25 मई को दिल्ली में चुनाव है। आज 11 मई है। ऐसे में केजरीवाल को अभी पूरी दिल्ली घूमनी है। उनके रोड शो और सभाओं का खाका तैयार है। जहां दिल्ली में प्रधानमंत्री रैली व सभा करने की हिम्मत नहीं उटा पा रहे हैं वहीं केेजरीवाल ने साफ कर दिया है कि वे मोदी के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे देश में इंडिया गठबंधन के मंचों पर जायेंगे।
अरिवन्द केजरीवाल ने दावा किया कि नरेन्द्र मोदी की इस बार करारी शिकस्त होनी है। कोई राज्य ऐसा नहीं है जहां भाजपा की सीटें कम न हो रही हों। केजरीवाल के अनुसार भाजपा महज 220 से 230 सीटों पर ही सिमट जायेगी। ऐसे में नरेन्द्र मोदी के नारे 400 पार का क्या होगा?
जेल से बाहर आने पर केजरीवाल के पहले भाषण में नरेन्द्र मोदी पूरी तरह से निशाने पर रहे। उन्होंने कहा कि मोदी देश में तानाशाह बनना चाहते हैं। वे विपक्ष के नेताओं को जेल में डाल रहे औंर भाजपा के नेताओं की राजनीति खत्म कर रहे हैं। मोदी चाहते हैं देश उनके अलावा और कोई नेता ही न रहे। यदि भाजपा सरकार बनी तो मोदी का अगला निशाना योगी आदित्यनाथ होंगे।
केजरीवाल ने एक बार फिर साफ किया कि वे राजनीति में पद के लालच में नहीं आये हैं। उन्होंने 49 दिन में भी इस्तीफा दिया था, यदि मुख्यमंत्री ही बने रहने चाहते तो तब भी बने रह सकते थे। अब चूंकि नरेन्द्र मोदी देश के जनतंत्र और लोकतंत्र को कुचलना चाह रहे हैं तो जेल के भीतर से भी सरकार चलानी पड़ेगी तो चलायेंगे।
केजरीवाल ने देश की जनता से इंडिया गठबंधन के लिए समर्थन की भीख भी मांगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को आम आदमी पार्टी से बहुत डर लगता है इसलिए वो बोलने और सवाल करने वालों को जेल में डालकर लोगों को डराना चाहते हैं। केजरीवाल ने लोगों से आगे आने का आहवान भी किया।
कोई शक नहीं कि अभी तक चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी धुन में कुछ भी झूठ नफरती, घृणा भरी बाते कर रहे थे। राहुल गांधी सहित समूचा विपक्ष उनकी काट नहीं कर पा रहा था। केजरीवाल के जेल से बाहर आने पर मोदी के भाषणों और मिथ्या प्रचार पर अब जोरदार प्रहार होने की उम्मीद है। वास्तव में चुनाव का मतलब भी यही है। देश की जनता यदि चुनाव से राजनैतिक बनती है और अपने नेताओं और राजनैतिक दलों से सवाल करती है तो यकीन जानिए देश का लोकतंत्र मजबूत होगा।