सावधानः- क्या आप चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं?

chardham yatra 2024
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केदारनाथ! बद्रीनाथ! गंगोत्री! यमुनोत्री! देवभूमि उत्तराखण्ड के चार धाम! क्या आप आ रहे हैं चारधाम? यदि हां, तो हो जाइए सावधान! शासन-प्रशासन ने जारी की है एडवाइजरी। हर चारधाम यात्री को माननी होगी पुलिस प्रशासन की एडवाइजरी।
यात्री इन बातों का रखें ध्यान…
यात्रा से पहले शासन द्वारा अधिकृत साइट पर पंजीकरण जरूर करायें। बिना पंजीकरण के धामों में प्रवेश निषेद है। यदि आप बिना पंजीकरण के उत्तराखण्ड चारधाम पहुंच गये है तो आपको बिना दर्शन के रास्ते से ही वापस किया जा सकता है।
गैर पंजीकृत यात्रियों को लाने वाले वाहनों पर भी सख्त कार्यवाही हो सकती है। पुलिस ऐसे वाहनों का चालान काट सकती है और परमिट तक रद्द कर सकती है।
पंजीकरण के अनुसार समय से पूर्व पहुंचने वाले यात्रियों को भी परेशानी उठानी पड़ सकती है। यदि आप समय से पहले चारधाम पहुंच गये हैं तो भी आपको वापस किया जा सकता है या रास्ते में ही रोक दिया जाएगा।
रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक यात्री वाहनों का आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। अतः रात में या गाइडलाइन के खिलाफ जाकर वाहनों को पहाड़ पर प्रवेश न कराये।
50 वर्ष से ऊपर के यात्रियों की अनिवार्य रूप से हैल्थ स्क्रीनिंग जरूरी है। बुजुर्ग यात्री चारधाम पर आ रहे हैं वे अपने स्वास्थ्य की जांच जरूर करायें।
चारधामों पर भीड़ बहुत ज्यादा है इसलिए यात्रियों को जहां रोका जाए वहां रूकें और पुलिस का सहयोग करें। पुलिस के द्वारा हेल्पलाइन नम्बर 112 भी जारी किया गया है।
छोटे बच्चों और ज्यादा उम्र के बुजुगों को चारधाम यात्रा में लाने से बचें। अस्वस्थ्य व्यक्ति बिल्कुल भी चारधाम यात्रा न करें।
मौसम के अनुसार गर्म कपड़ें, दवाएं व जरूरत का सामान साथ लेकर चलें।
हेली टिकट की धोखाधड़ी से बचे। अधिकृत साइट से ही टिकट बुक करायें। किसी के बहकावे में न आये।
धामों में पहुंचने पर धामों की मर्यादा, पवित्रता एवं स्वच्छता बनाए रखें।

यह तमाम जरूरी दिशा निर्देश उत्तराखण्ड सरकार, सचिवालय और पुलिस की ओर से जारी किये गये हैं। भीड़ पर नियंत्रण के लिए चारधाम यात्रा पर आ रहे यात्रियों से सहयोग की अपील की गयी है साथ ही प्रशासन सख्त कदम भी उठाने जा रहा है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी हर स्थिति पर नजर रख रही हैं। तो यादि आप उत्तराखण्ड के चारधाम की यात्रा पर आ रहे हैं तो प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करना बहुत जरूरी है।

रूपेश कुमार सिंह सम्पादक, अनसुनी आवाज
रूपेश कुमार सिंह
सम्पादक, अनसुनी आवाज

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