संजय जुनेजा! बस नाम ही काफी है, ऐसा रुद्रपुर के व्यापारी बोलते हैं! एक दशक से संजय जुनेजा रुद्रपुर के व्यापारियों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने के बाद संजय जुनेजा व्यापारियों के एकछत्र नेता माने जाने लगे हैं । व्यापारी मुद्दों के साथ-साथ जनमुद्दों पर पर भी पैनी नजर रखने वाले जुनेजा रुद्रपुर की राजनीति के केंद्र में रहे हैं। रुद्रपुर जनपद उधम सिंह नगर मुख्यालय है ऐसे में राजनीति चाहे किसी भी फील्ड की हो हर कोई अपना होल्ड चाहता है। फरवरी 2024 में संपन्न हुये रुद्रपुर प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के चुनाव में जुनेजा के निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने के साथ ही उनके समर्थकों ने मुख्य राजनीति की और इशारा किया था। मतलब साफ है संजय जुनेजा को निगम का महापौर बनाना है, हालांकि तब खुद जुनेजा इस बात से इनकार करते रहे और खुद को व्यापारी राजनीति तक सीमित रखने की बात कही। राजनीति, शादी का वह लड्डू है जो खाए सो पछताए और जो न खाए वो भी पछताए। मतलब सामाजिक फील्ड में सक्रिय हर कोई व्यक्ति पहले सामाजिक कार्यकर्ता बनता है फिर समाज सेवक और उसके बाद राजनेता। संजय जुनेजा भी व्यापारी राजनीति की बदौलत महापौर बनने की जुगत में हैं। बुधवार को उन्होंने महापौर के लिए अपनी दावेदारी विधिवत रूप से पेश कर दी।
संजय जुनेजा कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं। अभी जबकि चुनाव की घोषणा नहीं हुई है और स्वयं रुद्रपुर से किसी कांग्रेसी ने अपने दावेदारी नहीं की है, तब व्यापारी वर्ग से जुनेजा आगे आए हैं और चुनाव के लिए ताल ठोक दी है। यूं तो जुनेजा किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं, लेकिन पिछले कई वर्षों से वे रुद्रपुर कांग्रेस से दूर थे । ना वे सक्रिय राजनीति में थे और ना ही रुद्रपुर कांग्रेस के किसी भी कार्यक्रम में दिखाई देते थे। नगर कांग्रेस की अंतरकलह या महानगर अध्यक्ष सी0 पी0 शर्मा और जिलाध्यक्ष हिमांशु गाबा द्वारा तिलक राज बेहड़ को किच्छा तक सीमित करना भी इसकी वजह हो सकती है। सर्व विदित है कि तिलक राज बेहड़ और जिला अध्यक्ष व नगर अध्यक्ष के बीच सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है। पिछले 2 साल से जो तलवारें खिची हैं उनकी सरसराहट राजनीतिक हवा में अक्सर महसूस होती रहती है। संजय जुनेजा ना इधर से बोले
ना उधर से शांत रहे, खामोश रहे।
अब उनकी दावेदारी ने सबको भौचक्का कर दिया है। जिलाध्यक्ष हिमांशु गाबा को सौंपे दावेदारी पत्र में संजय जुनेजा ने कांग्रेस से रुद्रपुर महापौर के लिए टिकट मांगा है। हालांकि, अभी स्पष्ट नहीं है की सीट आरक्षित होगी या सामान्य, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि इस दफा रुद्रपुर नगर निगम की सीट सामान्य रहेगी। सवाल उठता है कि संजय जुनेजा की दावेदारी स्वतरू स्फुर्त है या कहीं से संचालित? क्या जुनेजा ने इस बावत व्यापारियों से रायसुमारी की है, जैसा कि वह हमेशा करते हैं? संजय जुनेजा ने कांग्रेस से ही टिकट क्यों मांगा है, यह सवाल भी महत्वपूर्ण है। जबकि जुनेजा व्यापार मंडल अध्यक्ष रहते भाजपा में भी जा सकते थे।
संजय जुनेजा मिलनसार, सर्व सुलभ,मृदुभाषी,संघर्षशील, ऊर्जावान,निडर, बेबाक इंसान हैं इसमें कोई संदेह नहीं है। व्यापारी हितों के लिए जेल गए, मुकदमे झेल रहे हैं बावजूद इसके वे अफसरों से भिड़ जाते हैं, सत्ता पक्ष के नेताओं को भी भला बुरा सुनाने में संजय जुनेजा नहीं चूकते हैं। व्यापारी भी जुनेजा के एक बुलावे पर एकत्र हो जाते हैं । इसकी बड़ी वजह यही थी कि संजय जुनेजा राजनीतिक तौर पर तटस्थ थे। अब जब उन पर कांग्रेस का लेवल लग जाएगा तो क्या आम व्यापारी उनके साथ बना रहेगा? व्यापारी राजनीति और निगम की राजनीति दोनों अलग हैं। यहां एक व्यापारी नेता वो भी विपक्षी दल से चुनाव लड़कर कैसे टिका रह सकता है? कल तक जुनेजा खुद को कांग्रेसी-भाजपा नहीं बल्कि सिर्फ व्यापारी बताते थे। वास्तव में
व्यापारी किसी से नहीं बिगाड़ता है। हर राजनीतिक दल से उसका वास्ता पड़ता है। ऐसे में जुनेजा का सिर्फ एक दल का नेता होना स्वीकार करेंगे रुद्रपुर के व्यापारी?
वैसे व्यापारियों ने संजय जुनेजा को अपना मैंडेट व्यापार मंडल के लिए दिया था, ना कि निगम चुनाव के लिए। बातें तमाम उठेंगी लेकिन संजय जुनेजा व्यापारी और रुद्रपुर की आम पब्लिक में जाना पहचाना व लोकप्रिय चेहरा हैं उनके उम्मीदवार बनने से चुनाव जरूर रोचक हो जाएगा।
अब सवाल रुद्रपुर कांग्रेस का। कांग्रेस का नगर में बंटाधार है। खोने के लिए कांग्रेस के पास पहले से कुछ नहीं है, हां जुनेजा के रूप में उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार जरूर मिल जाएगा। लेकिन कांग्रेस में टिकट की आस में काम कर रहे इक्का दुक्का नेताओं का क्या होगा? उनके चुनाव लड़ने के सपने का क्या होगा? क्या वे संजय जुनेजा को स्वीकार कर पाएंगे?
किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ जो खुद को रुद्रपुर से दूर कर चुके हैं या दूर कर दिए गए हैं क्या वे संजय जुनेजा के लिए पैरवी करेंगे? सर्व विदित है कि जुनेजा बेहड़ के खासमखास हैं, ऐसे में कांग्रेस के भीतर खासकर महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा जो बेहड़ से खिन्न व दूसरे ग्रुप के बताए जाते हैं वे जुनेजा को स्वीकार करेंगे?
सबसे बड़ी बात यदि संजय जुनेजा चुनाव लड़े, परिणाम चाहे जो भी हो, चुनाव के बाद वे व्यापार मंडल का नेतृत्व करेंगे या मुख्य राजनीति के बनकर रह जाएंगे? यह जवाब तो जुनेजा को ही देना होगा।
लेकिन जिस तन्मयता, ईमानदारी, लगन के साथ संजय जुनेजा 24 घंटे व्यापारियों के लिए एक टांग पर खड़े रहते हैं, व्यापारियों के लिए मरते-मिटते हैं वास्तव में रुद्रपुर को यदि इतना ही एक्टिव मेयर मिल जाए तो शहर की किस्मत ही बदल जाए।