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बदचलन!हाँ, मैं बदचलन हूँ 
उठने-बैठने हँसने-रोने नाचने-गानेलिखने-पढ़नेसोने-जागनेकहने-सुनने खाने-पीनेसोचने-समझनेबोलने-खामोश रहने/औरमेरी हर हरकत में दिखेगा तुम्हेंमेरा बदचलन होना
लड़कियों से मिलने-जुलनेसड़क पर चलने-थिरकनेगलतियों पर रोकने-टोकनेइंसानियत के लिए मरने-मिटनेसही के लिए लड़ने-भिड़नेप्रेम के लिए मचलने-भटकनेऔर तथाकथित प्रोग्रेसिव दिखावे पर दिखेगा तुम्हेंमेरा बदचलन होना
सच के वास्ते झूठ के खिलाफ न्याय के लिए अन्याय के खिलाफ मुहब्बत के लिए नफ़रतों के खिलाफ समाज के लिए लम्पटों के खिलाफ जिन्दगी के लिए बुजदिली के खिलाफ संबंधों को निभाने में शर्तों के खिलाफऔर बेहतरी के लिए हर किस्म की खिलाफत पर दिखेगा तुम्हेंमेरा बदचलन होना
दरअसल!चलन से बाहरनीति से इतरपरम्पराओं-रूढ़ियों से दूरआडम्बरों के खिलाफ धारा के विरुद्ध/बहाव हीमेरा बदचलन होना है
समाज की नज़र में दुराचारीव्यभिचारी दुश्चरित्र कुमार्गी/होना हीबदचलन होना है/लेकिनबदचलन का एक अर्थ ‘बदराह’ भी होता है
मैं शोषण के खिलाफ समतामूलक समाज के लिएसंघर्ष का रास्ता तलाशतावही बदराह हूँजिसे एक दिन सही राह मिल ही जाएगी
तब तकतुम मुझेबदचलन भी कह सकते हो!
-रूपेश कुमार सिंह,समाजोत्थान संस्थान दिनेशपुर, ऊधम सिंह नगर,उत्तराखंड-263160
मोबाइल : 9412946162

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