अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में केएलए ने कृषि विकास पर दिये सुझाव

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रूद्रपुर। उत्तराखण्ड की प्रतिष्ठित केएलए कंपनी के प्रतिनिधि मण्डल ने फिलिपींस में द राइस ट्रेडर्स द्वारा आयोजित विश्व चावल सम्मेलन में प्रतिभाग कर वैश्विक चावल व्यापार, निर्यात और स्थायी कृषि को लेकर चर्चा करते हुए अपने अनुभव और सुझाव साझा किये।

बता दें केएलए इंडिया लि0 पिछले 60 वर्षों से तराई में चावल के अलावा फल और सब्जियों की उत्पादन इकाइयां संचालित कर रहा है। कंपनी 50 से अधिक देशों में निर्यात करती है। बीते दिनों द राइस ट्रेडर्स द्वारा फिलिपींस में आयोजित विश्व चावल सम्मेलन में केएलए को भी आमंत्रित किया गया। इसमें दुनिया भर से उद्योगपतियों ने शिरकत की। इस अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में केएलए इंडिया के निदेशक अरुण अग्रवाल और अशोक अग्रवाल ने भी प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने वैश्विक चावल व्यापार, निर्यात और स्थायी कृषि के बदलते परिदृश्यों पर चर्चा की और अपने अनुभव भी साझा किये।

कंपनी के निदेशकों ने इंटरनेशनल राईस रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक डॉ. समरेन्दु मोहंती और इंटरनेशनल राईस रिसर्च इंस्टीट्यूट की महानिदेशक डॉ. यवोन पिंटो से भी मुलाकात की। इस मुलाकात में अफ्रीका में खेती के नए अवसरों, भारत-अफ्रीका संबंधों को सुदृढ़ करने और वैश्विक चावल व्यापार में सुधार के लिए स्थायी कृषि की भूमिका पर गहन चर्चा की गई। वैश्विक सेमिनार में पर्यावरण सलाहकार लेमैन पास्कल पर्यावरण के अनुकूल खेती पर अपने सुझाव दिये। सम्मेलन में उरुग्वे के एसीए (राइस ग्रोवर्स एसोसिएशन) के अध्यक्ष अल्फ्रेडो लागो और नॉर्थ डकोटा स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए फर्गाे के कृषि वैज्ञानिक डॉ. विलियम न्गांजे ने भी भी वैश्विक कृषि के संदर्भ में अपने विचार साझा किए। केएलए के प्रतिनिधि मण्डल ने इस यात्रा के दौरान भारतीय चावल का निर्यात बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की। वैज्ञानिकों ने बताया कि भारत की तरह ही अफ्रीका में भी चावल उत्पादन की प्रबल संभावनाएं हैं। यात्रा से लौटने के बाद केएलए के एमडी अरूण अग्रवाल ने बताया कि यह यात्रा और चर्चा कृषि और निर्यात के क्षेत्र में नए सहयोग और स्थायी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

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