त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: बुनियादी मुद्दों पर क्यों नहीं होती चर्चा?

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गांव के मुद्दों से बेखबर हैं प्रत्याशी, विकास का रोल माॅडल नहीं है किसी के पास पावर और पैसे का बोलबाला, शक्ति प्रदर्शन व अराजकता […]

पगलू और पगली (कहानी)

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कहानी पगलू और पगली –रूपेश कुमार सिंह (1) ‘‘कहाँ गायब हो गए…?’’ जवाब न आने पर पगली ने उखड़ते हुए पगलू के मोबाइल पर मैसेज […]

बंगाली समाज को कब तक गुमराह करते रहेंगे मंत्री जी???

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–एन. आर. सी.  छोड़ो, बंगालियों को एस. सी. का दर्जा कब दिलवा रहे हो, यह बताओ? -रूपेश कुमार सिंह     भोली-भाली जनता को बरगलाना, भरमाना […]


सत्यकथा : बलात्कार

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– रूपेश कुमार सिंह  “पोशम्पा भई पोशम्पाडाकिये ने क्या कियासौ रुपये की घड़ी चुराईअब तो जेल में जाना पड़ेगाजेल की रोटी खानी पड़ेगीजेल का पानी पीना […]

…अभी मैं किस तरह मुस्कराऊँ ?

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–रूपेश कुमार सिंह दिनेशपुर मेरा अपना कस्बा। यहां का कण-कण बसा है मेरे रोम-रोम में। खेत-खलियान, नहर-तालाब, भाषा-बोली, नगर-बाजार, रहन-सहन, खान-पान, मिलना-जुलना, आबोहवा, तीज-त्योहार, मन-मुटाव, […]

राख

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राख के ऊपर भीसुर्ख़, भुरभुरी राख होती है बिल्कुल सफेदबर्फ जैसी•••देखी है कभी?राख नर्म होती है लकड़ी और कोयले से कई लाख गुणा नर्मउस नर्मी में होती […]

किच्छा विधायक राजेश शुक्ला से पत्रकार रूपेश कुमार सिंह का सीधा सवाल…!

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विधायक राजेश शुक्ला जी आपसे मेरा सीधा सवाल है- पं0 राम सुमेर शुक्ला स्मृति राजकीय मेडिकल कालेज रूद्रपुर से संबंधित प्रकाशित विज्ञापन में स्वतंत्रता संग्रमा […]

कविता- रूपेश कुमार सिंह

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डाॅ दिनेश अग्रवाल और डाॅ अंकिता के साथ दाँत निकलवाने के बाद हे प्रिय!तुम्हें बहुत मिस कर रहा हूँ आजटटोल रहा हूँ तुम्हारे स्वाद के […]