कौन-कौन बनेगा मंत्री, किस-किस के कतरे जाएंगे पर?

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  • अनसुनी आवाज

उत्तराखंड हमेशा से नेतृत्व परिवर्तन के लिए बदनाम है। यहां सत्ता पूर्ण बहुत की हो तब भी मुख्यमंत्री बनने वाले की चिंताएं खत्म नहीं होती हैं। कुर्सी बचाने और कुर्सी कब्जाने का खेल चलता ही रहता है। कुर्सी पर कौन कब कब्जा लेगा, यह डर सतासीनों को लगा रहता है। सरकार चाहे भाजपा की रही हो या फिर कांग्रेस की। उत्तराखंड एक बार फिर से चर्चा में हैं।

कुर्सी हिलाने का प्रयास

चर्चा दो तरह की है। पहली चर्चा यह है कि क्या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कुर्सी हिलाने का प्रयास किया जा रहा है। अगर ऐसा है तो कौन है, जो उनकी कुर्सी पर तेढ़ी नजर रख रहा है। दूसरी चर्चा यह है कि राज्य में मंत्रीमंडल का विस्तार होना है। इसका इंतजार करते-करते नेताओं को लगभग ढाई साल गुजर गए हैं, लेकिन अब तक कुर्सी का इंतजार खत्म हो रहा है।

4 मंत्री पद खाली हैं…

सत्ता गठन के वक्त सरकार में मंत्रियों के तीन पद रिक्त थे। कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास का निधन होने के बाद एक और पद खाली हो गया। कुलमिलाकर 4 मंत्री पद खाली हैं। इन्हीं मंत्री पदों विधायकों की नजर है। हर कोई पॉवर सेंटर बनने के लिए जोर लगा रहा है। लेकिन, सवाल यह है कि पॉवर सेंटर की चाबी किसको मिलेगी।

मुलाकातों की तस्वीरें

हाल के दिनों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार दिल्ली दौड़ लगा रहे हैं। उनके अलावा कई दूसरे कैबिनेट मंत्री, सांसद और पूर्व सांसदों के मुलाकातों की तस्वीरें भी सामने आई। इन मुलाकातों को शिष्टाचार मुलाकाता कहा गया, लेकिन क्या सही मायने में यह सामान्य मुलाकातें थी?

मंत्रीमंडल विस्तार की खबरें

मंत्रीमंडल विस्तार की खबरें सामने आने के बाद कुछ विधायक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रक्रमा करते भी नजर आए। कोई फूल देता नजर आया तो कोई उनके गले पड़ते नजर आया। सवाल यह है कि पॉवर गेम में किसकी ताकत कम होने वाली है और किसको ज्यादा पॉवर मिलने वाली है।

मंत्रियों के पर कतरे जा सकते हैं

चर्चाएं तो यहां तक हैं कि निष्क्रिय मंत्रियों के पर कतरे जा सकते हैं। कुछ के विभाग कम किए जा सकते हैं। अब नए मंत्री बनने का इंतजार खत्म होगा या नहीं, इसके लिए कुछ इंतजार करना होगा। सत्ता के लिए ये दौड़ किसकी मुकाम पर पहुंचेगी और कौन चूक जाएगा, यह सवाल सभी के मन में कौंध रहा है।

मुख्यमंत्री की कुर्सी

लेकिन, जिस तरह से मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में होने की चर्चाएं सामने आई हैं, उससे कुछ ना कुछ तो ऐसा चल रहा है, जो सत्तासीनों को कचोट रहा है। उनको परेशान कर रहा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी दिल्ली की सुगबुगाहटों की बात कहकर इन चर्चाओं को हवा दी है।

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