पीलीभीत का गाँव चंदिया हजारा भारत नेपाल सीमा पर शारदा नदी के किनारे बसा है।
1976 में बंगाली विस्थापित समाज के 428 परिवारों का पुनर्वास चंदिया हजारा में हुआ था। यहां बंगाली समाज की 10 सोसाइटी हैं। वर्तमान आबादी दस हजार से ज्यादा है।
शारदा नदी के कहर से पूरा गाँव बर्बादी के कगार पर है। इस साल बरसात में करीब 250 एकड़ जमीन कट चुकी है।
खेती-किसानी तबाह हो गई है। गाँव से शारदा नदी 500 मीटर दूर है। यदि इस साल तटबंध नहीं लगा तो चंदिया हजारा गाँव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
पिछले 36 दिन से पूरा गाँव आन्दोलन पर है। लेकिन शासन प्रशासन कोई सुद नहीं ले रहा है। न सांसद कुछ कर रहे हैं न विधायक पीड़ितों के बीच आए हैं।
मैं #छिन्नमूल के लेखन के संबंध में दो साल पहले चंदिया हजारा आया था। जो बात और आशंका मैंने छिन्नमूल में दर्ज की है। वही घट रहा है वहां।
रविवार को पुनः #प्रेरणा_अंशु और #ANSUNI_AWAAZ की टीम के साथ मैं ग्रामीणों के दर्द में शरीक होने पहुंचा।
जल्द ही रिपोर्ट जारी करूंगा।
गाँव के लोग आर्थिक तंगी में हैं, बावजूद इसके #छिन्नमूल लेने के लिए लोग उमड़ पड़े। दर्जनों लोगों ने 120 ₹ मूल्य देकर छिन्नमूल प्राप्त की।
छिन्नमूल में दर्ज चंदिया हजारा के बुजुर्ग शशांक सरकार (85) और डाॅ ठाकुर दास (75) से पुनः मुलाकात हुई।
चंदिया हजारा उन्हीं छिन्नमूल लोगों का गाँव है, जो अपनी मातृभूमि से बेदखल कर दिए गए और 75 साल बाद भी जमीन के मालिकाना हक के लिए संघर्षरत हैं।