कोलकाता यात्रा से••• कोलकाता में युवाओं के बैठने के “अड्डे” सी0 पी0 एम0 के जमाने में “क्लब” बनें। क्लब पठन-पाठन, शारीरिक दक्षता, मनोरंजन, थियेटर, स्वास्थ्य, […]
कोलकाता यात्रा से……भाग-एक पश्चिम बंगाल में पांच दिन -रूपेश कुमार सिंह वातावरण देखकर भी आदमी खामोशी लाद लेता है, कतई चूं…चां…नहीं। सब कुछ शान्त….शान्त….बिल्कुल शान्त। […]
कोलकाता यात्रा से……भाग-2 पश्चिम बंगाल में पांच दिन – रूपेश कुमार सिंहतमगे और देशी-विदेशी पुरस्कारों को शो केस में रखने के बजाये बंद करके अखबारों और […]
कोलकाता यात्रा से……भाग-3 पश्चिम बंगाल में पांच दिन -रूपेश कुमार सिंहमस्ती की बात, प्यार की बातदुनिया-जहान, जज्बात की बातसमाज की बात, राजनीति की बातज्ञान-विज्ञान की, […]
कोलकाता यात्रा से……भाग-4 पश्चिम बंगाल में पांच दिन –रूपेश कुमार सिंहजितनी भीषण गर्मी, इंसानी स्वभाव उतना ही कूल। लेकिन यही गर्मी जब राजनीतिक रंग लेती […]
तीन पुश्तें मर-खप गयीं, लेकिन रहोगे घुसपैठिया ही-रूपेश कुमार सिंह ‘‘जन्मजात भारत के नागरिक हैं,’’ कह देना ही पर्याप्त नहीं होगा। नागरिकता साबित करने के […]
-महेन्द्र ‘आज़ाद’ गांव अब गांव नहीं रहेजात-पात में बंट गयेमन्ख्यात की बात क्या करेंभाई भाई को लूट गयेपंच-प्रधान ठेकेदार हो गयेमक्कार, बेईमान और अय्याश हो […]